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Agriculture infrastructure

एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए मोदी सरकार ने दिए 10 हजार करोड़

एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए मोदी सरकार ने दिए 10 हजार करोड़

कृषि क्षेत्र में होंगे बड़े बदलाव, मजबूत होगा एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर

नई दिल्ली। केन्द्र की मोदी सरकार ने एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए एक योजना बनाई है, जिसके तहत 10 हजार करोड़ रूपए के प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई है। इससे कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना है। एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (
Agriculture Infrastructure Fund) योजना में जारी की गई धनराशि से कृषि क्षेत्र में 13600 प्रोजेक्ट्स पर काम होगा। इसमें किसानों को सब्जियां, फल एवं अन्य कृषि उत्पादों को बेहतर सुविधाएं दीं जाएंगी। इससे देश के कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव होने के संकेत मिल रहे हैं।
एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के दिशानिर्देशों का पूरा सरकारी दस्तावेज पढ़ने या पीडीऍफ़ डाउनलोड के लिए, यहां क्लिक करें

कृषि यंत्र खरीदने के लिए मिलेंगे एक लाख करोड़

- एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के तहत कृषि यंत्र खरीदने के लिए एक लाख करोड़ दिए जाने का प्रावधान रखा है। इसमें आप पॉलीहाउस, ड्रोन, ग्रेडिंग एवं मशीनरी खरीद सकते हैं, जो कृषि क्षेत्र में बेहतर से बेहतर परिणाम दे सकें।


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राजस्थान को 747.17 करोड़ रुपए देने की मिली मंजूरी

- एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के अंतर्गत, राजस्थान के लिए 747.17 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली है। इसमें कुल 781 प्रोजेक्ट्स शामिल होंगे। इस योजना के अंतर्गत प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों, किसानों, किसान उत्पादक, विपणन सहकारी समितियों, स्वंय सहायता समूह, स्टार्टअप, कृषिउधम को मजबूती मिलना तय है।

योजना में यह कार्य होंगे शामिल

- केन्द्र सरकार की एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के अंतर्गत वेयर हाउस, पैक हाउस, साईलो, कोल्ड स्टोरेज चेन, लॉजिस्टिक सुविधा, ई-मार्केटिंग प्लेटफार्म, ग्रेडिंग एवं सॉर्टिंग, प्राइमरी प्रोसेसिंग सेंटर, फल पकाने के कक्ष सहित तमाम कार्यों पर धनराशि को खर्च किया जाएगा। इससे कृषि क्षेत्र को तमाम लाभ फायदे होंगे।


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सहकारिता विभाग अपने स्तर से करेगा फंड का उपयोग

- नाबार्ड की पैक्स व लैम्प्स को बहुसेवा केन्द्रों में परिवर्तित करने के लिए सहकारिता विभाग अपने स्तर से फंड उपयोग करेगा। एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के सही क्रियान्वयन के लिए सहकारिता विभाग को ही चुना गया है।
कृषि अवसंरचना योजना के तहत किसानों को 2 करोड़ तक लोन प्रदान किया जाता है

कृषि अवसंरचना योजना के तहत किसानों को 2 करोड़ तक लोन प्रदान किया जाता है

यदि आप भी एक कृषक हैं और आप एक लघु व्यवसाय शुरू करने की सोच रहे हैं, तो आप सरकार की Agriculture Infrastructure Fund Scheme का फायदा उठा सकते हैं। इस योजना के तहत किसान भाइयों को 2 करोड़ तक कर्जा दिया जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं सरकार इस पर गारंटी भी देती है। भारत में किसानों के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों को आर्थिक मदद प्रदान करना है। जिससे कि देश के किसानों की स्थिति तब्दील हो सके। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र के विकास के लिए एक नवीन पहल के तौर पर "कृषि अवसंरचना कोष योजना" (Agriculture Infrastructure Fund Scheme) का आरंभ किया है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट्स, वेयरहाउस और पैकेजिंग यूनिट लगाने पर दो करोड़ रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त योजना के तहत ऋण लेने वाले कृषकों को सरकार गारंटी भी देती है।

कृषि अवसंरचना योजना

कृषि अवसंरचना कोष योजना के अंतर्गत इच्छुक लोगों को 2 करोड़ रुपये तक का बैंक कर्ज प्रदान किया जाता है। इस लोन की ब्याज दर पर सरकार तीन प्रतिशत की छूट भी प्रदान करती है। ब्याज में यह छूट लोन स्वीकृति होने के 7 साल तक रहती है। योजना के अंतर्गत 2 करोड़ रुपये तक के बैंक लोन पर गारंटी भी प्रदान की जाती है। जिसकी जिम्मेदारी माइक्रो एंड स्मॉल इंटरप्राइजेज फंड ट्रस्ट लेता है। इसके अतिरिक्त गारंटी फीस का भुगतान भी सरकार ही करती है। यानी आपको अपनी जेब से कोई धनराशि नहीं देनी पड़ेगी। बतादें, कि किसी अन्य योजना का फायदा लेते हुए भी आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

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कृषि अवसंरचना कोष योजना से होने वाले लाभ व इसके लिए पात्र

कृषि अवसंरचना कोष योजना के अंतर्गत कृषि और संबंधित क्षेत्रों के तकरीबन समस्त कार्यों के लिए ऋण लिया जा सकता है। वास्तव में इस योजना के अंतर्गत खेती, उद्यानिकी, मत्स्य पालन और पशुपालन जैसे कार्यों के लिए आसानी से कर्जा लिया जा सकता है। मतलब कि इस योजना के अंतर्गत किसान सुगमता से खेती और नए उद्योग के लिए कर्जा ले सकते हैं। प्राथमिक कृषि साख समितियां, विपणन सहकारी समितियां, किसान उत्पादन संगठन (एफपीओ), स्वयं सहायता समूह, संयुक्त देयता समूह, बहुउद्देशीय सहकारी समितियां, कृषि उद्यमियों, स्टार्टअप और एग्रीगेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स इत्यादि इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
इस योजना के तहत फसलों की ग्रेडिंग-पैकेजिंग हेतु मिलेगी सहायता

इस योजना के तहत फसलों की ग्रेडिंग-पैकेजिंग हेतु मिलेगी सहायता

खेती किसानी के बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहन देने के लिए 24 नवंबर को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के पीटरहॉफ में राज्य स्तरीय कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार की अध्यक्षता में होने वाले इस कॉन्क्लेव में कृषि-बागवानी से संबंधित 160 से ज्यादा विभिन्न हितधारक भाग लेंगे। भारत के किसानों को आर्थिक तौर से सशक्त बनाने एवं उन्हें ग्रामीण उद्योग के साथ जोड़ने के लिए केंद्र सरकार "कृषि अवसंरचना कोष योजना" (Agriculture Infrastructure Fund Scheme) चला रही है। इसी योजना के अंतर्गत कृषि के बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहन देने के लिए शुक्रवार (24 नवंबर) को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के पीटरहॉफ में राज्य स्तरीय कॉन्क्लेव का भव्य आयोजन किया जा रहा है। कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार की अध्यक्षता में होने वाले इस कॉन्क्लेव में कृषि-बागवानी क्षेत्र से संबंधित 160 से ज्यादा विभिन्न हितधारक हिस्सा लेंगे।  बतादें, कि इस कॉन्क्लेव के चलते विभिन्न हितधारकों को भारत सरकार के कृषि अवसंरचना कोष के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की जाएगी। कृषि सचिव हिमाचल प्रदेश सी पालरासू ने कहा है, कि केंद्र सरकार की तरफ से भारत भर में फार्मगेट और एकत्रिकरण बिंदुओं, प्राथमिक कृषि सहकारी समीतियों, किसान-उत्पादक संगठनों, कृषि उद्यमियों, स्टार्टअप इत्यादि पर कृषि अवसंरचना परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए भारत सरकार द्वारा 1 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है।

कृषि सचिव ने इसको लेकर क्या कहा है 

कृषि सचिव ने कहा है, कि इस कोष के अंतर्गत कोल्डचेन इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ फार्मगेट इन्फ्रास्ट्रक्चर जिसमें खेतों में ही छंटाई, ग्रेडिंग और पैकेजिंग सुविधा स्थापित करने के लिए मदद प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त रसद एवं परिवहन के क्षेत्र में भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस कोष के लिए निजी संस्थाओं के साथ-साथ एफपीओ, पीएसीएस, स्वंय सहायता समूह, जेएलजी, सहकारी समितियों, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समितियों के संघ, एफपीओ के संघ और एसएचजी के संघ पात्र लाभार्थी होंगे। बतादें, कि इस कॉन्क्लेव में समस्त हितधारकों जिनमें कृषि बागवानी विभाग, मार्केटिंग बोर्ड, नाबार्ड, एसएलवीसी और एलडीएम्स, बैंकों के प्रमुख, उद्योग विभाग, सीए, कृषि उद्यमी समेत अन्य हितधारकों को विशेष रूप से शम्मिलित होने के लिए आमंत्रित किया गया है। कॉन्क्लेव में भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव तथा उनकी टीम भी प्रमुख तौर पर भाग लेगी।

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कृषि अवसंरचना कोष से आप क्या समझते हैं 

यह भारत सरकार द्वारा कृषि के बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहन देने के लिए जारी की गई एक महत्वपूर्ण पहल है। यह परियोजना 2020-21 से 2032-33 तक जारी रहेगी। साथ ही, इसके अधीन प्रारंभिक 6 वर्ष में यानि 2026 तक ऋण वितरण का कार्य पूर्ण किया जाएगा। कृषि अवसंरचना कोष का मुख्य उद्देश्य कृषि उपज के एकत्रिकरण एवं विपणन के लिए बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाना है। भंडारण सुविधाओं का आधुनिकीकरण करके फसल कटाई के पश्चात होने वाली हानि को कम करना एवं किसानों की पैदावार को प्रभावी तौर से बाजारों तक पहुंचाने के लिए एक निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला की सुविधा प्रदान करना है। इस परियोजना के अंतर्गत निजी संस्थाओं के साथ-साथ एफपीओ, पीएसीएस, स्वंय सहायता समूह, जेएलजी, सहकारी समीतियों, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समीतियों के संघ, एफपीओ के संघ और एसएचजी के संघ पात्र लाभार्थी होंगे।